
कुश्ती के पुरोधा उस्ताद हिरापुरी पहलवान का शुक्रवार को भीलवाड़ा में निधन हो गया. हिरापुरी के निधन के समाचार की साथ ही शहर में शोक की लहर छा गई. पुराने शहर में उस्ताद के निधन पर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान पूरे दिन बंद रखे. 88 वर्ष के हिरापुरी उस्ताद ने करीब 70 साल मेवाड़ में कुश्ती की सेवा की. उन्होंने इस दौरान करीब आधा दर्जन अन्तरराष्ट्रीय पहलवान तैयार किए जबकि 100 से अधिक शागिर्दों ने देश की कुश्ती पटल पर हिरापुरी उस्ताद का नाम चमकाया. हिरापुरी स्वंय अपने जमाने के जाने-माने पहलवान थे. हिरापुरी उस्ताद का लोहा हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में माना जाता था. उस्ताद हिरापुरी की पार्थिक शरीर को सांगानेरी गेट स्थित प्राचीन व्यायामशाला बगीची के बालाजी में लोगोंं के दर्शनार्थ रखा गया. इससे पूर्व शहर के मुख्य मार्गों से वैकुण्ठी भी निकाली गई. इस दौरान शहर के खेलप्रेमियों व राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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